मिटिंग्ज़ विद रिमार्केबल मैन—(ओशो की प्रिय पुस्तकें)
Posted on नवम्बर 26, 2011 by sw anand prashad
असाधारण लोगो से मुलाक़ातें-जार्ज गुरजिएफ
(एक आसाधारण इंसान द्वारा लिखी गई असाधारण किताब। बीसवीं सदी का रहस्यदर्शी जार्ज गुरजिएफ कॉकेशन में पैदा हुआ और उसने मूलत: योरोप और अमेरिका में अपना आध्यात्मिक संदेश फैलाया। यह किताब उसके जीवन के कुछ प्रसंगों का, उन प्रसंगों की प्रमुख भूमिका निभाने वाले कुछ अद्भुत व्यक्तियों का चित्रण है जिन्होंने गुरजिएफ की चेतना को प्रभावित और शिल्पित किया।)
गुरजिएफ सत्य का खोजी था। उसे कुदरत ने कुछ अतींद्रिय शक्तियां दे रखी थी। उनका विकास और उनका उपयोग कर जीवन के कुछ गहन रहस्यों को खोजने में और बाद में उन्हें अपने शिष्यों को बांटने में गुरूजिएफ का जीवन व्यतीत हुआ।
गुरजिएफ को जीवन के सफर में जो लोग मिले उनमें नौ लोगों को चुन कर उनका अनूठापन उसने इस किताब में सशक्त रूप से चित्रित किया है। ये दस लोग है: उसके पिता, पिता का जिगरी दोस्त, और गुरजिएफ के पहले शिक्षक डीन बॉर्श।
तीसरा चरित्र हे, बोगेचेस्की या फादर एवलिसी। यह व्यक्ति श्वेत ब्रदरहुड का सदस्य था जो कि ‘’डेड सी’’ के किनारे बसा हुआ था। यह ब्रदरहुड ईसा के जन्म के बारह सौ वर्ष पूर्व बना था। और कहा जाता है कि इस ब्रदरहुड में ईसा की प्रथम दीक्षा हुई थी।
गुरजिएफ लिखता है: ‘’बोगेचेस्की ने जब मुझे पढ़ाना शुरू किया तब वे फादर बनने ही बाले थे। वे बहुत ही मिलनसार आदमी थे इसलिए उनके पास कार्स शहर के बुद्धिमान लोगों का जमघट बना रहता था। वे लोग जीवन की गहन बातों पर चर्चा करते जिसे मैं बहुत ध्यान से सुनता था। वे लो प्ले चेट, आत्माओं के साथ वार्तालाप, सम्मोहन, इत्यादि के प्रयोग करते थे। मुझे उनमें बहुत रस था। अतींद्रिय घटनाओं का रहस्य खोजना मेरे जीवन का मकसद था।
नैतिकता:
नैतिकता के बारे में बोगेचेस्की के बहुत मौलिक विचार थे। उन्होंने मुझे सिखाया कि नीति दो तरह की होती है: वस्तुगत और व्यक्तिगत, वस्तुगत नीति जीवन में अंतर्निहित है; वह हर देश-काल में समान है लेकिन व्यक्तिगत नीति अनेक प्रकार के संस्कार, धारणाएं डालते है जब वे बहुत कोमल होते है। उनकी अंतरात्मा, जो कि प्रकृति से मिली हुई है, विकसित नहीं होने दी जाती। इसलिए बड़े होने पर वे दूसरे लोग को उन्हीं धारणाओं के माध्यम से परखते है। लेकिन तुम इस तरह मत बनना। अपनी अंतरात्मा की शुद्धता को बनाये रखना।
कैप्टन पोगोसिन या मिस्टर एक्स एक ऐसा खोजी है जो गुरजिएफ को उसकी अंतर जगत की खोज के दौरान मिला। ये दोनों एक पुराने असीरियन रहस्य विद्यालय को खोजने चल पड़े। इस विद्यालय का नक्शा उन्हें अलेक्झांड्रिया के पास, पुराने खंडहरों का उत्खनन करते हुए मिला। यह रहस्य विद्यालय बैबिलॉन में कोई 2500 बी. सी. (ईसा पूर्व) था। गुरूजिएफ के लेखन की खूबी यह है कि वह अपनी खोज के उतने ही पहलू को उभारता हे जिससे पढ़ने वाले की उत्सुकता जगह। जैसे ही पाठक उसके वर्णन में डूबने लगता है वैसे ही वह अपना रूख बदल देता है और कहानी को एक रहस्यमय मोड़ पर अधूरी छोड़ देता है।
रहस्य:
रहस्य की खोज में उसे एक और हमसफर मिला, प्रिंस यूरी ल्युबोवेडस्की। वह शख्स एक खूबसूरत, रहस्यवादी राजकुमार था। अपनी समूची राज संपत्ति को ठुकरा कर वह गुरजिएफ जैसे खोजियों के साथ रहस्य विद्यालयों और गुप्त मठों, आश्रमों के साथ गोबी के रेगिस्तान में खोये हुए शहरों की खोज करने के लिए यात्रा करता रहा। गोबी रेगिस्तान हिंदु कुश और हिमालय पर्वत की उत्तर दिशा में बना है और इसकी रेत बहुत प्राचीन है। या तो वह एक विशाल समुंदरी भूमि था, या हिमालय की पर्वत श्रेणियों के पत्थर-कणों से बना था। जिन्हें तेज आंधियां उड़ा कर ले गई थी। जो भी हो, गोबी रेगिस्तान अपने सीने में कई रहस्य विद्यालय और गुह्म रहस्य छुपाए हुए है। जो केवल सुपात्र साधकों के लिए ही प्रकट होते है। इस अभियान के बीच एक आश्रम में यूरी ल्युबोवेडस्की का निधन हो जाता है।
डॉ एकिम बे एक महान जादूगर था जिसके साथ गुरजिएफ ने एशिया और अफ्रिका की यात्रा की। गुरजिएफ की लेखन-शैली का एक और मजेदार पहलू इस किताब में उभरता है। और वह यह कि इन असाधारण पुरूषों का वर्णन करने के बहाने वह अपनी यात्राओं के दौरान घटित अनेक असाधारण घटनाओं का बयान करता जाता है।
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